Wednesday, May 28, 2008

CANN' T

ये कहानी है एक अध्यापिका की,जो की अपने क्लास की क्लास टीचर भी थी.वो बहुत परेशान रहती थी,क्योकि बच्चे उसकी कोई बात नहीं मानते थे.दुसरे सभी अध्यापक और अध्यापिकाओं की बात वो सुनते थे और उनका कहना भी मानते थे.वो बहुत परेशान थी.क्या किया जाये कुछ समझ नहीं आ रहा था.तभी उसे एक ख्याल आया.वो अगले दिन स्कूल गई.उसने बच्चो से कहा , आज हम लोग पढाई नहीं करेगे.अपनी बुक्स एक तरफ रख दो.बच्चे बड़े खुश , चलो आज पढना नहीं पड़ेगा.उन्होने ख़ुशी ख़ुशी बुक्स अलग रख दिए.फिर टीचर ने कहा हम लोग एक गेम खेलेगे.बच्चे और भी खुश,पढना नहीं है और अब तो मैडम गेम खिला रही है.टीचर ने कहा सभी लोग एक पेन और पेपर लो.और सभी लोग उस पर वो चीजे लिखो जो आप नहीं कर सकते.बच्चों ने लिखना शुरू किया.अब ये कोई परीछा तो थी नहीं की कोई नक़ल कर लेता.सभी अपने अपने ना करने वाली चीजों के बारे में लिखने लगे.टीचर भी एक पेन और पेपर ले कर बैठ गई लिखने की वो क्या नहीं कर सकती.तभी क्लास के सामने से प्रधान-अध्यापक गुजरे.उन्होने देखा की क्लास में एकदम शांति है.किसी का ध्यान भी नहीं गया की प्रधान-अध्यापक आ रहे है.उन्होने एक ,दो,करते करते कई चक्कर लगाये.किसी का ध्यान नहीं गया. सब अपने- अपने cann't लिखने में लगे थे.टीचर भी. आखिर थक कर वो चले गए.थोडी देर बाद टीचर ने बच्चो से कहा सभी ने लिख लिया? सभी ने कहा हाँ टीचर..टीचर ने एक बड़ा सा कार्टून बॉक्स उठाया और कहा की सब अपने cann't इसमें डाल दो .सभी में वैसा ही किया.अब टीचर ने कहा चलो स्कूल के मैदान में सभी मिल कर एक गढ्ढा खोदो.सभी मने मिल कर गढ्ढा खोदा.टीचर ने कार्टून बॉक्स की सारी cann't वाली पर्चियां उस गढ्ढे में पलट दी.और कहा सभी मिल कर उस पर एक एक मुठ्ठी मिटटी डालो और cann't की आत्मा की शांति के लिए दुआ करो. सभी ने दो मिनिट मौन रह कर दुआ की.फिर टीचर ने कहा अब क्लास में चलो. अगले दिन टीचर फिर क्लास में आई. और पढ़ना शुरू किया.एक छात्र से सवाल पुछा.छात्र उठा और बोला ,पर मैडम मैं तो ये नहीं कर सकता, मुझे ये नहीं आता है.अगले ही पल उसे याद आया की कैन'नॉट को तो वो कल ही दफना चूका है.....और खामोश हो गया.क्योकि उसने कल ही आपने cann't को दफनाया था..अब उसके पास ऐसी कोई चीज़ नहीं थी जो वो नहीं कर सकता था. So, moral of the story is this, there is nothing that a man cann't do..So just remove cann't from life.

2 comments:

Anonymous said...

bahuthi khoobsoorat aur shikshaprad kahani

Mayurika said...

Thanks Vishal