Friday, September 12, 2008

"प्यार क्या है?"

प्यार,

एक ढाई अक्शर का नाम!
क्या है ये प्यार??

ज़माना कहता है ,
प्यार नाम है रुस्वाई का,
प्यार नाम है जुदाई का।
प्यार नाम है तन्हाई का,
प्यार नाम है अधूरी मंजील का।
प्यार देता है सिर्फ़ दुःख और दर्द।

पर ,
पर, ये दील कहता है,
जीसने पा लीया ये प्यार,
उसे सब कुछ मील जाता है।
और ये ज़माना ,
जो करता है प्यार की बुराई।
एक दीन, आहिस्ता से
ख़ुद ही प्यार का हो जाता है।

तो ए मेरे दोस्त, ज़रा प्यार से प्यार
कर के तो देखो।
सारा ज़माना ही प्यार से लबरेज हो जाएगा।

०८/०८/२००८