हर पल बदलते रिश्ते,
दिल डरता है कि क्या मैं निभा पाउगा, ये रिश्ते।
जब भी मेरा मन घबराता है
तो तू थाम लेता है मेरा हाथ,
और फिर हो जाती है मेरी हर मुश्किल आसां
सच में तू ही है मेरा हमसफ़र
तू ने ही थामा हाथ मेरा
जब था मैं अकेला
जब तू है साथ मेरे
हर मुश्किल आसां
पा ही लूंगा मैं मंज़िल को
इसका है विश्वास।
दिल डरता है कि क्या मैं निभा पाउगा, ये रिश्ते।
जब भी मेरा मन घबराता है
तो तू थाम लेता है मेरा हाथ,
और फिर हो जाती है मेरी हर मुश्किल आसां
सच में तू ही है मेरा हमसफ़र
तू ने ही थामा हाथ मेरा
जब था मैं अकेला
जब तू है साथ मेरे
हर मुश्किल आसां
पा ही लूंगा मैं मंज़िल को
इसका है विश्वास।
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