Dil Ki Kalam Se..
Sunday, December 20, 2020
ज़िन्दगी बस युहीं निकली जा रही है....
जीना है या मर जाना है, बस
ज़िंदगी इसी पेशोपेश में निकली जा रही है।
ना उसको मेरी फ़िक्र ना मुझे उसकी
बस ज़िंदगी इसी तरह निकलती जा रही है।
ना जाने कौनसा पड़ाव आखरी हो इस जीवन का,
ना उसको इस की परवाह ना मुझे इस की फिक्र।
बस ज़िन्दगी... ...
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