२४-०८-२०१६
ज़िन्दगी को नहीं समझा था मैंने अब तक। आज जब समझ आया तो सब कुछ खत्म हो गया। आज के दिन ही २ महीने पहले मैंने मेरे डैडी को खो दिया। आज तक नहीं समझ आया की कैसे। एक पल मे सब कुछ खत्म हो गया। ज़िन्दगी ऐसी है कभी जाना नहीं था।
उनसे मिलने का मौका भी नहीं मिला। कल्पनाओं में जीतें थे हम हमेशा। हर दुआ में भगवान से ये दुआ रहती की मेरे मां - डैडी को मेरी १/२ ज़िन्दगी मिल जाये और हम लोग सब साथ ही अपना जीवन बिताए। कभी अपने माँ - डैडी के बिना ज़िन्दगी की कल्पना भी नहीं की थी। आज भगवान ने अकेला कर दिया।
ज़िन्दगी को नहीं समझा था मैंने अब तक। आज जब समझ आया तो सब कुछ खत्म हो गया। आज के दिन ही २ महीने पहले मैंने मेरे डैडी को खो दिया। आज तक नहीं समझ आया की कैसे। एक पल मे सब कुछ खत्म हो गया। ज़िन्दगी ऐसी है कभी जाना नहीं था।
उनसे मिलने का मौका भी नहीं मिला। कल्पनाओं में जीतें थे हम हमेशा। हर दुआ में भगवान से ये दुआ रहती की मेरे मां - डैडी को मेरी १/२ ज़िन्दगी मिल जाये और हम लोग सब साथ ही अपना जीवन बिताए। कभी अपने माँ - डैडी के बिना ज़िन्दगी की कल्पना भी नहीं की थी। आज भगवान ने अकेला कर दिया।